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संस्कृति और परिस्थिति – अज्ञेय

यदि आप आधुनिक हिंदी साहित्य की प्रगति से तनिक-सा भी परिचय रखते हैं, तब आपने अनेकों बार पढ़ा या सुना होगा कि हिंदी आश्चर्यजनक...

दृष्टिकोण – गोपालदास नीरज

मेरे कुछ मित्रों का आग्रह है कि मैं अपनी कविता की व्याख्या करूँ। जब मुझसे आग्रह किया गया तब मैंने स्वीकार कर लिया, पर...

कहानी क्यों लिखता हूँ – मोहन राकेश

क्यों?...इस प्रश्न का उत्तर देना कठिन है। जीवन में हम कोई भी काम क्यों करते हैं? हँसते क्यों हैं? रोते क्यों हैं?प्रसन्न, चिन्तित या...

मेरी कथायात्रा के निष्कर्ष – भीष्म साहनी

अपनी लम्बी-कथा यात्रा का लेखा-जोखा करना आसान काम नहीं है। पर यदि इस सर्वेक्षण में से कुछेक प्रश्न निकाल दें—कि मैं लिखने की ओर...

विकसित होती लघुकथा इससे भी आगे बढ़ेगी – विष्णु प्रभाकर

मित्रो! लघुकथा के बारे में इतना कुछ कह दिया गया है कि वह लघु नहीं रह गया और मेरे पास उससे ज्यादा कहने के लिए...

भारत की सबसे आइकोनिक कार की कहानी, जानिये क्यों थी खास और क्या था इतिहास

मार्च 2019 में अचानक एक खबर आँखों के सामने आई, कि मारुती अपनी गाड़ी जिप्सी का प्रोडक्शन बंद कर रही है. एक लम्बे समय...

1975 के पटना बाढ़ पर लिखी फणीश्वरनाथ रेणु की दिलचस्प रिपोर्टिंग

इन दिनों दिल्ली में बारिश खूब हो रही है, जम कर बादल बरस रहे हैं. ऐसे में अपने शहर पटना की याद आना लाजमी...

हमारे एयरकंडीशनर हमसे हमारे मौसम छीन रहे हैं, और हमें इसकी खबर ही नहीं

मैं अपने स्कूल के दिनों की बातें करूँ, तो मुझे गर्मियों के दिन प्यारे लगते थे. कई वजह थे इसके. हम उन दिनों सरकारी...

खुद से बातें करते लोग भी अजीब होते हैं

"Talk to yourself at least once in a day otherwise you may miss a meeting with an Excellent person in this world." यह बात स्वामी...

याद कर लेना कभी हमको भी भूले भटके – बिस्मिल और अशफ़ाक़ की शायरी

अक्सर हम अब अपनी ज़िन्दगी में और बेवजह के मसलों में ऐसा उलझ कर रह जाते हैं, कि बहुत सी बातें हम भूलते चले...

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