बहनों का संसार भी कितना प्यारा होता है, हम भाइयों के लिए बहनों के दामन में कितना प्यार होता है। ज़माने की उलझन आपको कितना भी परेशान कर दें, कितना भी झकझोर दे, लेकिन बहन के दामन में आते ही आपकी सारी थकान, सारा दर्द एक पल में ही मिट जाता है। बहनों का प्यार अनोखा होता है, इसलिए तो जब सारी दुनिया आपकी दुश्मन हो जाती है, सारे लोग आपके खिलाफ हो जाते हैं, तब भी ये बहनें आपके साथ आपके हर कदम पे खड़ी रहती हैं। पूरे ज़माने में जितना हमारा साथ बहनें दे सकती हैं, उतना शायद खुदा भी नहीं।
मैं बहुत खुशकिस्मत हूँ कि मेरे जीवन में बहनों का प्यार बेशुमार है। हर तरफ मैं बहनों से घिरा हुआ हूँ। मेरे परिवार में भाइयों से ज्यादा संख्या में बहनें हैं, और उनका प्यार मुझे एक अलग सा सुकून, एक अलग अहसास देता है जिसे मैं चाह कर भी शब्दों में नहीं बयां कर सकता।
आज का दिन कुछ खास है, जब से मुझे याद है तब से मेरे लिए ये 3 जून हमेशा से ही खास दिन रहा है। आज मेरी छोटी बहन ऋचा का जन्मदिन है। तो मैंने बस सोचा कि आज का पोस्ट मेरी बहन ऋचा के नाम ही कर दूँ। साथ ही साथ ये भी बताना चाहूँगा कि आज से ठीक 5 दिन बाद यानी 9 जून को मेरी बहन निमिषा का भी जन्मदिन है। तो ये पोस्ट उसके लिए भी है। लेकिन मुख्य रूप से ये पोस्ट ऋचा के लिए है, क्योंकि आज तो उसी का बर्थडे है। निमिषा के जन्मदिन के दिन फिर से एक नया पोस्ट लिख दूंगा, इसमें क्या है। आज के दिन घर में न होना तो जरूर खलेगा, लेकिन हमारे हाथ में कुछ नहीं है। जिंदगी ने इतने झमेले दे दिए हैं और ये कामकाजी चक्कर है कि आज अपनी बहन के बर्थडे में नहीं हूँ मैं घर पे, लेकिन फिर भी यही अहसास होता है हर पल कि मैं हमेशा उसके साथ हूँ और वह हमेशा मेरे साथ।
अभी इसकी (ऋचा) सगाई भी हो गई है, आपने सगाई की तस्वीर तो देखी होनी चाहिए, मेरे ब्लॉग के एक पोस्ट में। अगर नहीं देखी है आपने वो तस्वीरें तो इधर क्लिक करें। और आज के दिन मेरी बहन को आशीर्वाद भी दें।
शुरू से मैं और मेरी बहन (ऋचा) एक बहुत अच्छे दोस्त की तरह रहे हैं, मेरी लगभग हर बात उसको पता रहती है और उसकी लगभग हर बात मुझे। कुछ बातों को अगर छोड़ दिया जाए तो हम अपनी सारी बातें एक-दूसरे को बताते हैं। शुरू से हमारे घर में जितनी भी बहनें हैं, उनमें से मैं सबसे ज्यादा करीब अपनी 3 बहनों के हूँ। वो हैं निमिषा, दीप्ति और ऋचा। इन तीनों में से सबसे बड़ी ऋचा है और जाहिर है कि हर बदमाशी में या फिर मुझे तंग करने के हर प्लान में मास्टरमाइंड इसी का रहता है। बाकी की दोनों तो इसकी जबरदस्त चेले हैं। लड़ाई भी मेरे से बहुत करती है ये। और मेरी माँ से तो हमेशा इसकी यही शिकायत रहती है कि “माँ तुम हमेशा भैया की ही साइड लेती हो”, ये तो इसका पेट डायलॉग है। लेकिन मेरी तरफदारी भी बहुत करती है ये। शुरू से इसका हर काम मैं ही करता आ रहा हूँ, इसलिए ये अभी भी कोई भी काम होता है तो बस मुझे परेशान करने लगती है। हमारे बीच अक्सर दोस्त जैसा ही रिश्ता रहा है, हम लड़ते भी हैं और एक-दूसरे की तरफदारी भी करते हैं।
इसने अपनी ग्रैजुएशन की पढ़ाई दिल्ली में की। फिर जब इसे मास्टर्स डिग्री में दाखिला लेना था, तो मैं और मेरी माँ ने मिलके इसका दाखिला बैंगलोर में करवा दिया, मम्मी ने ये कहा कि दोनों भाई-बहन एक शहर में रहोगे तो मुझे भी चिंता कम होगी। अब इसकी मास्टर्स की पढ़ाई तो शुरू हो गई बैंगलोर में, लेकिन दिल्ली का नशा अभी इसके सिर से उतरा नहीं था। जब न तब मुझे ये सुनती रहती थी कि “तुम्हारे कारण हम यहाँ बैंगलोर में आ गए, कितना अच्छा हम दिल्ली में थे, बेकार में यहाँ आ गए।” लेकिन देखते-देखते बैंगलोर में इसके 2 साल बीत गए और बैंगलोर से इसको एक गजब का प्यार भी हो गया। जब ये वापस जा रही थी बैंगलोर से, तो उस वक्त भी बहुत उदास थी। कहने लगी कि “बैंगलोर से जाने का मन नहीं कर रहा।” इसकी जब मास्टर्स डिग्री खत्म हुई और ये वापस घर जा रही थी, मैं भी साथ में था। तब हम दिल्ली गए थे घर जाने से पहले। दिल्ली ये करीब 2 साल बाद गई थी, तो वहां बोलने लगी मुझे “ये दिल्ली शुरू से ही इतनी खराब थी या मुझे अभी इतनी खराब लग रही है?” उसका बोलने का साफ़-साफ़ मतलब ये था कि दिल्ली से तो कई लाख गुना बेहतर बैंगलोर है। ये बात सुन के तो मैं मन ही मन मुस्करा रहा था कि मेरे ही वजह से तो ये बैंगलोर गई थी और अब इसको दिल्ली से अच्छा बैंगलोर लग रहा है, इसका मतलब मेरा मिशन अचंभित। 😉
अभी पिछले साल जब उसका बर्थडे था, तो वो यहीं बैंगलोर में थी। उस दिन हमने काफी मस्ती की, पहले तो हमने KFC में जाकर अच्छे से चिकन बर्गर खाया (ये बता दूँ कि KFC मेरी बहन का पसंदीदा जगह है और वहां का जिंजर चिकन बर्गर इसका फेवरेट है)। तो KFC में खाने के बाद हम गए Bairista में कॉफी पीने। काफी देर हम साथ बैठे वहीं में। अब इस बीच भी एक मजेदार किस्सा हुआ। हुआ ये कि हम बैठे हुए थे, उसी बीच एक महिला ने कोल्ड कॉफी आर्डर किया, वो अपना कोल्ड कॉफी लेकर वापस अपने चेयर के पास जा ही रही थी, इतने में मेरी बहन ने कहा “देखना अभी उसका कॉफी गिर जायेगा”, फिर क्या था अगले ही सेकंड उस महिला के हाथ से कॉफी गिर गई, कॉफी गिरी वो अलग, ग्लास टूटी और साथ ही साथ उस बेचारी के कपड़ों पे भी थोड़ी कॉफी गिर गई। अभी ये किस्सा हुआ ही था कि आधे घंटे बाद एक और महाशय आए और कॉफी का उन्होंने आर्डर दिया, इनके साथ भी यही हुआ जो उस महिला के साथ हुआ था। मैंने कहा अपनी बहन से, “देखो तुम्हारी वजह से बेचारे दोनों का कॉफी गिरा।” 😛 वैसे उस दिन मैं अपनी बहन के लिए कोई गिफ्ट नहीं ले गया था, इस बात से वो नाराज़ थी ही और इसी नाराजगी में मेरा गगल्स उसने ले लिया और कहा कि कोई गिफ्ट लाए नहीं तो मैं यही रख लेती हूँ। मैंने चुप चाप शराफत से वो गगल्स उसे सौंप दिया। अब वो खुश थी कि उसे एक ब्रांडेड गगल्स मिल गया, ये अलग बात है कि ये गिफ्ट उसने जबरदस्ती मुझसे लिया था।
मेरी जो बाकी तीनों बहनें हैं, उनकी यह हेड है… ये तो मैंने आपको पहले बता ही दिया है, तो ये भी जान लीजिए कि मजाल है जो ये लड़की ऋचा कहे और उसे बाकी की दोनों निमिषा और दीप्ति मानने से इनकार कर दें। भूचाल न आ जाए उस दिन जब ऐसा हो। हम तीनों के बीच अक्सर उलूल जुलूल बातें होती रहती हैं। और मैं हर बार इन तीनों को धमकी देता हूँ, लेकिन मेरी धमकी का तो इनपे कोई असर ही नहीं होता।
आज ही जब मैं, निमिषा और मोना जीटॉक पे ग्रुप चैट कर रहे थे, तब पता नहीं क्या बात उठी और ये निमिषा और मोना, जो की मेरे से छोटी हैं, दोनों लगी मुझे डांटने। उस बातचीत का एक नमूना आप यहां देखें…
निमिषा: भैया तुमको शर्म नहीं आता दो दो छोटी बहन से डांट खाते हो। ऋचा: अले ले ले… भैया तुम शर्म करो। मैं: तुम दोनों चुप करो अब, समझी… यहाँ ऑफिस में जो 3 लोग मेरे अंडर काम करते हैं, वो सब बहुते डरते हैं हमसे। निमिषा: अब रहने भी दो भैया, तुमसे कोई डर भी सकता है… ये कैसे हो सकता है… हम तो नहीं मानते कि तुमसे कोई डर भी सकता है। मैं: तुम दोनों हमसे डरा करो समझी। पिटाई करेंगे न तब अकल आएगा। ऋचा: हाहा… क्या जोक है।
तो हमारे बीच ऐसे ही बातें चलती रहती हैं… बिना सर-पैर के… ये अलग बात है कि ये सब मेरा बड़ाई भी कभी-कभी कुछ ज्यादा ही कर देती है। जिस बड़ाई का शायद मैं उतना हकदार नहीं। लेकिन बहन तो बहन है, हल्का सा भी अच्छाई कुछ दिख गई अपने भाई में तो बस फिर क्या, उसे बढ़ा चढ़ा के ऐसा बना देती हैं कि उनके भाई से अच्छा भाई तो पूरी दुनिया में कोई नहीं।
वैसे ये कहानी मेरी नहीं, सारी बहनों की है… उन्हें अपने भाई से अच्छा कोई और दिखता ही नहीं।
निमिषा से और ऋचा से बात कर ही रहा था कि अचानक से निमिषा ग्रुप चैट से बाहर हो गई, जीटॉक उसे ऑफलाइन दिखाने लगा। जब वह फिर से ऑनलाइन आई और मैंने पूछा कि, “कहाँ गई थी रे?” तो उसने बड़े अच्छे से जवाब दिया, “अरे कुछ हो गया है और बत्ती बुत गया था ग्रुप चैट का।” मुझे तो ऐसी हंसी आई कि क्या कहूँ। 🙂
निमिषा शुरू से बहुत प्रोटेक्टिव माहौल में रही है, और वह तो अभी बच्ची है, बारहवीं की परीक्षा अभी खत्म की है और बड़े अच्छे नंबर से परीक्षा में पास भी हुई है, अभी मेडिकल की तैयारी कर रही है वह, और इसी सिलसिले में उसने ट्यूशन भी जॉइन किया है। तो मेरे से कह रही थी, “भैया सोचो हम कल से ट्यूशन जाएंगे और वो भी अकेले और वो भी ऑटो में बैठ के।” ये सुनते मैं तो जो हंसा अब आपको क्या बताऊँ। वो बात क्या है न कि हमेशा इस लड़की को कहीं भी जाना होता था तो कोई न कोई इसे पहुँचाता ही था, कभी खुद से अकेली कहीं निकली नहीं तो इसके लिए तो ट्यूशन जाना ऑटो में बैठके ही बहुत बड़ी बात है न… और इसलिए ये इसे मुझे इस तरह सुना रही थी कि जैसे उसने कोई उपलब्धि हासिल की हो। वैसे ज्यादातर लड़कियां बारहवीं में थोड़ी समझदार और बड़ी हो जाती हैं, लेकिन ये निमिषा तो ऐसी है जैसे अभी भी एक बच्ची हो। बिल्कुल वैसे ही बातें करती है… अच्छा भी है, आजकल के ज़माने में मासूमियत बची कहाँ है, ऐसे में मुझे खुशी है कि मेरी बहन में अब भी वही मासूमियत बरकरार है और मैं दुआ करता हूँ कि इसकी ये मासूमियत बनी रहे।
मेरी जो तीसरी बहन है दीप्ति, वो भी बहुत प्यारी है, लेकिन आज के दिन तो मैंने ये पोस्ट बस ऋचा और निमिषा के लिए लिखा है, इसलिए बस उन दोनों का ही ज़िक्र है। दीप्ति के बारे में जल्द ही बाद में एक नए पोस्ट में…
एक छोटी सी कोशिश अभी एक कविता लिखने की,
“सारे रिश्तों में एक रिश्ता प्यारा.. नेक, पवित्र, खूबसूरत और सच्चा … बहन-भाई का ये अनमोल रिश्ता…
कुछ चंचल सी… कुछ पागल सी… थोड़ी नटखट, थोड़ी शैतान.. मेरी ये तीनों प्यारी बहने.. ऋचा, दीप्ति और निमिषा..”
और आख़िर में…
हैप्पी बर्थडे टू यू … हैप्पी बर्थडे टू यू….
हैप्पी बर्थडे टू मोना (ऋचा)……… हैप्पी बर्थडे टू निमिषा (मेरी प्यारी डफर बहन :P)
आप सभी मेरी बहन को जन्मदिन की मुबारकबाद दें…
मेरी बहनों से जुड़ी एक और पोस्ट है, अगर पढ़ने का दिल करे तो यहाँ क्लिक करें।
Rucha aur Nimisha ko meri Shubh Kamnaye!
are waah bahut sundar…geet yaad aaya dekh sata hun main kuch bhi hote hue…nahi main nahi dekh sakta tujhe rote hue….aapki dono behnon ko dher saari badhayi
ऋचा और निमिषा को मेरी ढेरों शुभकामना और बहुत सारा प्यार. कभी न कभी पटना में भेंट होगी ही. 🙂
ऋचा और निमिषा को ढेरों शुभकामनाएं .
आईये जाने …. प्रतिभाएं ही ईश्वर हैं !
आचार्य जी
दोनों को हमारी भी बधाई और शुभकामना!!
ऋचा और निमिषा को मेरी ढेरों शुभकामनाये और बहुत सारा प्यार…..
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें …………जियो की जिन्दगी मुस्कुरा उठे//एक पल में खुशियाँ हजार मिलें//…
बहन ऋचा और निमिषा को हमारी तरफ से भी जन्मदिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएँ!
हमारी प्यारी बहनों को मेरी और से भी ढेरों शुभकामनाएं ….
बहुत बहुत सुन्दर लगी ये पोस्ट…भाई-बहन के प्यार भरी शरारतों और मीठी-मीठी यादों से…सचमुच आप लकी हैं कि तीन बहनों का प्यार मिला है और वे भी लकी हैं कि अपने इस प्यार को समझा और अहमियत दी.
निमिषा एवं ऋचा को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं
Mujhe ye sab pehle se pata tha but fir se padhne mei acha laga….pata ni kyu but sis related post naa chah kar bhi kinne emotional ho jate hai …. 🙂
Loved it 🙂
क्या, तुमसे दफ्तर में लोग डरते हैं.. हा हा हा.. इस शदी का सबसे बड़ा मजाक.. 😀 😛