इंतज़ार… इंतजार करना ही तो हमेशा से उसका सबसे प्रिय काम रहा है। जब से होश संभाला है उसने, तबसे वो किसी न किसी इंतजार में ही तो है। बचपन में एक शैतानी खत्म होने पे दूसरी शुरू करने का इंतजार, तो कभी स्कूल की छुट्टियाँ होने का इंतजार… घरवालों के साथ बाहर घूमने जाने का इंतजार तो कभी जल्दी से बड़े हो जाने का इंतजार।
यह इंतजार कभी एक साधारण ख्वाहिश नहीं रहा, ये तो एक गहरी लालसा थी, एक उम्मीद जो हर एक क्षण में बदलती रही। जवानी में कदम रखते ही उसने महसूस किया कि इंतजार का यह सिलसिला और भी गहरा हो गया। कभी पॉकेट मनी मिलने का इंतजार तो कभी दोस्तों के साथ घूमने जाने का इंतजार… कभी अपनी पसंदीदा चीज़ खरीदने का इंतजार तो कभी किसी के हाँ कहने का इंतजार। उसे समझ में ही नहीं आता था कि यह इंतजार आखिर क्यों जरूरी है, क्यों वह हर चीज़ के लिए इंतजार करता था। लेकिन इसका उत्तर कभी किसी के पास नहीं था। फिर एक दिन उसे एहसास हुआ कि इंतजार केवल चीज़ों के होने का नहीं, बल्कि खुद के होने का भी था।
पढ़ाई के दिनों में उसने बेशुमार इंतजार किया… कभी अच्छे नंबर आने का इंतजार तो कभी परीक्षाओं के बाद घर जाने का इंतजार… डिग्री खत्म कर नोट कमाने का इंतजार तो कभी बड़ा आदमी बनने का इंतजार… और फिर एक दिन उसने देखा कि इन सभी इंतजारों में एक गहरी बेचैनी छिपी थी। वह केवल शाब्दिक रूप से इंतजार नहीं कर रहा था, बल्कि खुद को पूरी दुनिया के सामने साबित करने की कोशिश कर रहा था। पढ़ाई तो उसने पूरी की ही, लेकिन साथ में उसने सीखा कि इंतजार जीवन का हिस्सा बन जाता है। उसकी धैर्य की परीक्षा यहीं से शुरू होती है।
कभी कभी तो उसने ये इंतजार मजबूरी में किया, तो कभी जानबूझकर। कहीं किसी से मिलने जाने पे भी उसे हमेशा इंतजार ही करना पड़ता… वह तो हमेशा समय से पहुँच ही जाता था, पर सामने वाला व्यक्ति उससे करवाता बहुत इंतजार। इसने उसे यह सिखाया कि जीवन में कुछ चीज़ों का इंतजार हमें मजबूरी नहीं, बल्कि एक अनमोल अनुभव मानकर करना चाहिए। कभी कभी यह इंतजार हमें अपने भीतर के छिपे हुए अस्तित्व को पहचानने का मौका देता है। समय की प्रतीक्षा एक यात्रा होती है, जो हमें खुद से मिलवाती है।
इंतजार अब उसकी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है… एक सच्चाई, जिसे वह हर दिन स्वीकार करता है। हर रात सोते समय वह सोचता है कि एक अच्छी सी जिंदगी का इंतजार करना है उसे… लेकिन क्या एक अच्छी जिंदगी का सही मतलब वह जानता है? शायद नहीं। जीवन की सच्चाई तो यही है कि हम केवल इंतजार करते हैं, बिना यह जाने कि यह इंतजार कभी खत्म होगा भी या नहीं। यह इंतजार कभी तो हर क्षण को जीने की प्रक्रिया में बदल जाता है, कभी यह हमारी कमजोरी बनकर हमारे आत्मविश्वास को चुनौती देता है।
लेकिन यही जीवन है। यही जीवन की कहानी है। इंतजार करना… केवल किसी चीज़ का या किसी से मिलने का नहीं, बल्कि खुद से मिलने का भी। उसने यह समझा कि इंतजार का यह सिलसिला खुद को पहचानने की प्रक्रिया है। क्या वो सचमुच वही बन पाया है, जो वह बनना चाहता था? क्या उसके इंतजार की कहानी भी उसी उद्देश्य से जुड़ी है, जो वह खुद से चाहता है? इन सवालों का जवाब उसे शायद ही कभी मिले, लेकिन इंतजार करता वह कभी भी थमने वाला नहीं।
उसकी जिंदगी में इंतजार की लिस्ट लंबी होती जा रही है… एक अच्छी जिंदगी का इंतजार, अपने आप को साबित करने का इंतजार, अपनी खुशियाँ ढूंढने का इंतजार, अपने परिवार की उम्मीदों पर खरा उतरने का इंतजार, और सबसे खास, किसी के वापस आने का इंतजार। उसे नहीं पता कि यह इंतजार कब खत्म होगा, या फिर यह पूरी जिंदगी ऐसे ही चलता रहेगा… लेकिन इसने उसे यह सिखाया है कि जीवन में कभी न खत्म होने वाले इंतजार की भी एक खूबसूरती है।
और सबसे बड़ी बात, उसे यह समझ में आया है कि इंतजार किसी भी चीज़ का हो, असल में वह उस चीज़ की तलाश नहीं कर रहा होता, बल्कि खुद के भीतर एक नया अनुभव, एक नया मोड़ ढूंढ रहा होता है। शायद यही वह समझ है, जो इंतजार करने वाले को कभी हासिल होती है, और उसे जीवन के सबसे अनमोल अनुभव का अहसास होता है।
जब वर्तमान में रिक्तता दिखती है तो भविष्य से कुछ ढूढ़ लाने का प्रयास प्रारम्भ हो जाता है। इन्तज़ार उसी प्रक्रिया का प्रतिफल है। कुछ पक्ष हमें भी सुहाते हैं इन्तज़ार के।
इसी निरंतर प्रक्रिया का नाम जीवन है….. आपने इसे इंतजार नाम से सुंदर पोस्ट में ढाल दिया :)अच्छी लगी प्रस्तुति …अब अगली पोस्ट का इंतजार …..
how true…! all we have been doing all the time is just waiting.
waiting at every step. sad 🙁
is that what life is all about?
फिर तो चिंता का विषय है..मौक़ा पकड़ लिया जाता है… वेटिंग लिस्ट कंफ़र्म नहीं भी होती है जबकि तत्काल कंफर्म दिला देती है!!
पहले भारत से बाहर जाने का इन्तजार और अब हर वक्त कब भारत पहुंचे इस बात का इंतजार 🙂
वाह अभि! बहुत सुन्दर लिखा है इन्तेज़ार पे.
सच है लेकिन, हम इन्तेज़ार ही करते रहते हैं हमेशा. 🙁
वाकई, लगता है जिंदगी कुछ और नहीं सिर्फ़ इसी इंतजार का दूसरा नाम है…. कभी प्रतिदान मिलता है, तो कभी जिदगी कोई बेतुका इतजार बनकर रह जाती है…. खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
सादर
डोरोथी.
one day.. ur entire lyf vil be like a muvee in flash back.. u just need 2 make sure dat its worth wotchin!!! 🙂 🙂
@रुचिका
बच्चा लोग भी अब समझदार बात करने लगा है 🙂
अच्छा लगा 🙂
'इंतज़ार' की बेहतरीन प्रस्तुति । वैसे इंतज़ार में जो मज़ा है वो और किसी बात में नहीं.
Beautifully Written !
वाकई, .. खूबसूरत अभिव्यक्ति.
इस पर भी कुछ बोलना ज़रूरी है क्या…???