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वेबैक मशीन के वेबसाइट में जाकर उस वेबसाइट का नाम लिखे जिसे आप देखना चाहते हैं |
दूसरा रास्ता है कि आप अलेक्सा का टूलबार इंस्टाल कर लें और जिस भी वेबसाइट को आप टाइमट्रेवल करना चाहते हैं उसे ओपन कर के टूलबार में से वेबैक मशीन का आप्शन चुनें. नीचे लगी तस्वीर देखिये. |
जिस वेबसाइट को आप देखना चाहते हैं उसे ओपन कर के टूलबार में से वेबैक मशीन पर क्लीक कीजिये |
जैसे ही आप ब्राउज हिस्ट्री पर क्लीक करेंगे एक टाइमलाइन और कैलेण्डर खुल जायेगा. कैलेण्डर ब्लू रंग से हाईलाइट किया मिलेगा. इसका मतलब इस साल ये वेबसाइट जिस जिस दिन वेबैक मशीन के द्वारा क्रॉल किया गया है और जिस भी दिन का डेटा वेबैक मशीन के पास है उस भाग को हाईलाइट कर दिया गया है. जैसा कि आप तस्वीर में देख सकते हैं कि गूगल को लगभग हर दिन और एक दिन में कई बार क्रॉल किया गया है.
अब हम तो जानते है इस साल गूगल का रूप कैसा है, तो चलिए ज़रा 1998 में चल कर देखे कि उस समय गूगल की शकल सूरत कैसी थी. उस समय के गूगल को वेबैक मशीन में देखने के लिए टाइमलाइन में 1998 चुनिए (जैसे तस्वीर में दिख रहा है) और गौर कीजिये कि किस दिन का डेटा सुरक्षित किया गया है. इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि 1998 में ग्यारह नवम्बर और दो दिसंबर को ये वेबसाइट क्रॉल किया गया था. तो चलिए देखते हैं कि कैसा दिखता था गूगल उस दिन
दोनों तारीख पर क्लिक करने के बाद मुझे कुछ ऐसा परिणाम मिला. ये गूगल का पुराना और सबसे पहला रूप था.
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गूगल का सबसे पहला पेज इन्टरनेट पर |
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लांच के अगले महीने गूगल का ये रूप |
1998 की बात करें तो उन दिनों हममें से बहुत कम होंगे जो इन्टरनेट का इस्तेमाल करते थे. ये वेबैक मशीन लगभग सभी वेबसाइट का टाइम ट्रेवल आपको करवा देती है. चलिए अब ज़रा कुछ और वेबसाइट पर नज़र डाले कि वो सब कैसे दिखते थे.आज के ही कुछ चर्चित वेबसाइट पर नज़र डालते हैं. शुरुआत करते हैं आज के सबसे चर्चित वेबसाइट फेसबुक.कॉम से. चलते हैं फिर उसी साल के आसपास जहाँ से हमने अभी गूगल का पुराना पेज देखा था. यानि चलते हैं 1999 में. प्रक्रिया वही है वेबसाईट देखने के लिए जो आपने ऊपर देखा. वेबैक मशीन में facebook.com लिखे और ब्राउज हिस्ट्री पर क्लिक करें.
1999 में जनवरी तारीख पर क्लिक करने के बाद जो वेबपेज सामने आया वो थोड़ा चौंकाने वाला है. खुद ही देखिये आप –
परिणाम देखककर कुछ आश्चर्य हुआ न? हमें तो फेसबुक का डेटा देखा था लेकिन यहाँ तो कोई और ही वेबपेज खुल गया. चौंकिए मत..दरअसल बात ये है कि फेसबुक की शुरुआत हुई थी 2004 में, और उसके पहले फेसबुक डॉट कॉम डोमेन इस कंपनी के नाम से रजिस्टर्ड था जो ऊपर दिख रहा है.
फेसबुक की जब शुरुआत हुई थी उस समय फेसबुक का नाम ‘द फेसबुक’ था. इसलिए फेसबुक का पहला पेज को देखने के लिए आपको वेबैक मशीन में thefaceboook.com लिखना पड़ेगा.
जिस फेसबुक को हम आज इस्तेमाल करते हैं उसका पहला पेज आर्काइव हुआ था नवम्बर 2005 में.. ये देखिये उस वेबपेज को –
साल दर साल फेसबुक का रूप कुछ इस तरह से बदलता रहा..
अब चलिए ट्विटर का रुख करते हैं और देखते हैं ट्विटर का रूप साल दर साल कैसे बदला है. प्रक्रिया वही जिसके जरिये हमनें फेसबुक देखा था.
ट्विटर जिसे आज हम जानते हैं वो 2006 में शुरू हुआ था लेकिन शायद कुछ लोग ये नहीं जानते होंगे कि ये पहले twttr.com था जो कुछ इस तरह दिखता था.
ये तो बातें थी आज के तीन सबसे चर्चित वेबसाइट की. अब देखते हैं एक ऐसे वेबसाइट की कहानी जो नब्बे के दशक में इन्टरनेट पर राज करती थी. जी हाँ, याहू डॉट कॉम. चलिए देखते हैं याहू डॉट कॉम पहले कैसा दिखता था. शुरुआत करते हैं याहू के सबसे पहले पेज से.
ये पेज याहू का साल 1996 से लिया गया है. वेबैक मशीन से याहू पर टाइमट्रेवल करने पर हमें याहू के कुछ ऐसे ऐसे रूप देखने को मिलते हैं. लेकिन हाँ, याहू के ज्यादा अलग अलग रूप देखने को नहीं मिलते हैं.
अभी हमारे पास इन्टरनेट पर सर्च करने के लिए वैसे तो बहुत सर्च इंजन है लेकिन हम लोग में से अधिकाँश गूगल के भरोसे रहते हैं. ज़रा याद करने की कोशिश कीजिये कि गूगल के पहले किस सर्च इंजन का नाम ध्यान में आ रहा है? जी हाँ..वही अल्टाविस्टा जो कि नब्बे के आखिर तक लोगों का सबसे प्रिय सर्च इंजन था और बाद में जिसे याहू ने खरीद लिया था. देखिये जब altavista.com की शुरुआत हुई थी कि वो कैसा दिखता था
काफी समय तक इन्टरनेट पर राज किया है इस वेबसाइट ने. देखिये उस समय कैसे कैसे वेबसाइट में बदलाव आया..
इंटरनेट के इस टाइममशीन का इस्तेमाल करना बेहद आसन है. इस वेबसाइट को इस्तेमाल करने के लिए कोई जरूरी नहीं की आप कंप्यूटर एक्सपर्ट हों. मैंने कुछ साल पहले इसके बारे में सुना था. इधर के दिनों में वेबैक मशीन का कुछ ज्यादा ही इस्तेमाल करना पड़ा है मुझे, तो मैंने सोचा क्यों न इसके बारे में कुछ लिखा जाए, शायद जो नहीं जानते होंगे इस वेबसाइट के बारे में उन्हें कुछ नयी और रोचक जानकारी मिले. ये पोस्ट बस पहला भाग है इस टाइममशीन के बारे में. अगली पोस्ट में इस टाइममशीन के जरिये चलेंगे पहले ज़माने के इन्टरनेट की सैर पर…
कमाल की जानकारी… बहुत ही रोचक!