Tag:Bangalore Diaries

किस्सा एक बेचैन रात, खुशनुमा सुबह और एक दोस्त के साथ का…

उस रात ठीक से नींद नहीं आ रही थी. जाने क्या बात थी. पूरी शाम और फिर रात भर मन में बहुत कुछ चलते...

आई मिस यु बैंगलोर..वैरी मच

यार बैंगलोर, कैसे बताऊँ तुम्हें मैं किस तरह मिस कर रहा हूँ। एक तुम्ही तो थे जो मेरी तन्हाइयों में मेरे साथ रहे। मेरे...

अलविदा बैंगलोर!

बैंगलोर डायरी: १ जब ये पोस्ट यहाँ शेड्यूल पब्लिश्ड होगी, तब मैं अपना ये शहर छोड़कर एक दूसरे शहर में पहुँच चुका होऊँगा या फिर...

फिर एक रात जो बहुत दिनों बाद आई

कभी-कभी सुख के पल उस वक्त आ धमकते हैं जब आप उसकी उम्मीद बिलकुल भी नहीं कर रहे होते हैं। पिछले कुछ दिनों से...

सावन बरसे तरसे दिल…कुछ पुरानी यादों के नशे में

फिर शाम-ए-तन्हाई जागी, फिर याद तुम आ रहे हो...फिर जां निकलने लगी है, फिर मुझको तड़पा रहे हो...इस दिल में यादों के मेले हैं,...

छत की बातें

मैं सबसे ज़्यादा बैंगलोर में जो मिस करता हूँ, वो है घर की छत पर बीती शाम। अब बैंगलोर में जहाँ मैं रहता हूँ,...

एक छोटी बच्ची और उसका फूलों का गुलदस्ता..

बात आज शाम की है, जब मैं ऑफिस से वापस घर आ रहा था। एक ऐसी बात हुई जो वैसे तो कोई बड़ी नहीं...

Latest news

किस बरहमन ने कहा था कि ये साल अच्छा है?

इस साल का आखिरी दिन है ये, और इस साल का मेरा ये पहला और आखिरी ब्लॉग पोस्ट। इस...

वो जो रखते थे हम इक हसरत-ए-तामीर सो है

आज महीनों बाद ब्लॉग पर वापस आना हुआ है। आखिरी पोस्ट इस ब्लॉग पर मार्च की थी, और तब...

भाभी – इस्मत चुग़ताई

  भाभी ब्याह कर आई थी तो मुश्किल से पंद्रह बरस की होगी। बढवार भी तो पूरी नहीं हुई थी।...

Must read

चेहरे – सामाज और लोगों पर लिखी एक कविता

इतने चेहरे नज़र आते हैं सड़कों पे, किसी के चेहरे...

मिर्ज्या – एक विसुअल और पोएटिक मास्टरपीस

जब से सुना था इस फिल्म के बारे में...