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Literature and Books
आईये, बंद दरवाजों का शहर से एक मुलाकात कीजिये
यूँ तो साल का सबसे खूबसूरत महिना होता है फरवरी, लेकिन जाने क्यों अजीब व्यस्तताओं और उलझनों में ये महिना बीता. पुस्तक मेला जो...
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पढ़िए देशी चश्मे से लन्दन डायरी
बड़े दिनों बाद आज हाज़िर हूँ अपनी नयी पोस्ट लेकर. अगर कायदे से देखा जाए तो इस पोस्ट को आने में डेढ़ महीने की...
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विश्व पुस्तक मेला, दिल्ली – मेरी नज़र से (1) – रिपोर्ट
हर साल की तरह इस साल भी विश्व पुस्तक मेला का दिल्ली में आयोजन हुआ है. बीच में ऐसी बातें सुनने में आई थी...
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कुछ ख़्वाब…कुछ ख्वाहिशें – समीक्षा कविताओं की
जनवरी में अमित भैया (अमित श्रीवास्तव) -निवेदिता भाभी (निवेदिता श्रीवास्तव) की किताब कुछ ख्वाब कुछ ख्वाहिशें प्रकाशित होकर आई. इस किताब के...
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अनुरागी मन – अनुराग शर्मा की कहानियों की बातें
साउथ एक्सटेंसन के एक कैफे में बैठा हुआ हूँ. समय बिताना है कुछ देर यहाँ. एक किताब बैग में रखे हुए हूँ जाने कब...
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ज़िन्दगी और गुलाब – प्रेम गुप्ता मानी की कवितायें
मुझे भले अच्छी कवितायें लिखनी नहीं आती और नाही मुझे खुद की कवितायें ज्यादा पसंद कभी आई हैं...लेकिन कविताओं को पढ़ता खूब हूँ मैं,...
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अपनी खिड़की से और ध्रुव गाथा : दो खूबसूरत किताब
दृढ संकल्प हटा सकता है गिरिवर को भी, धारा रेत बना देती है पत्थर को भी. पिछले महीने ही गिरिजा कुलश्रेष्ठ जी की दो किताबें डाक...
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रसिया व् स्पोमिन्नानियाख – स्मृतियों में रूस
'स्मृतियों में रूस' को लेकर मैं बहुत पहले से काफी उत्साहित था.शायद आजतक मैं किसी भी किताब को लेकर इतना उत्साहित कभी नहीं रहा.इसकी...
Latest news
हरि रूठे गुरु ठौर है, गुरु रुठै नहीं ठौर : शिक्षक दिवस पर खास
आज शिक्षक दिवस है, यह दिन भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती 5...
तीज की कुछ यादें, कुछ अभी की बातें और एक आधुनिक समस्या
बचपन से ही तीज का पर्व मेरे लिए एक ख़ास पर्व रहा है. सच कहूँ तो उन दिनों इस...
इस भाग दौड़ की ज़िन्दगी में याद आता है – एक वो भी था ज़माना, एक ये भी है ज़माना..
बारिश हो रही हो, मौसम सुहाना हो गया हो और ऐसे में अगर कुछ पुराना याद आ जाए तो...
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जयमाला : गुलज़ार साहब के साथ कुछ लम्हें -१०
आज की ये ख़ास पोस्ट है, गुलज़ार साहब के...
वो कमरा याद आता है.. – मेरा पुराना कमरा और एक कविता
जावेद साहब की एक कविता है "वो कमरा याद...