Tag:Daily Musings

मार्च की शाम और हलकी नोस्टाल्जिया वाली एक कॉफ़ी

मार्च की शाम है..सर्दियां बहुत पहले चली गयी हैं। घरों में पंखे खुल गए हैं। हालांकि एयरकंडीशन नही चालू हुए हैं. ये ठीक भी...

रात, नींद और नयी सुबह

देर रात तक जागे रहने के बाद नींद नहीं आती…बचपन में किसी से सुना था कि एक समय होता है जब हमें सबसे ज्यादा...

हवाओं में सर्दियीं वाली खुशबु

महक बहुत अजीब होती है. नास्टैल्जिया लिए हुए अक्सर. हवाओं में सर्दियीं वाली खुशबु महसूस होने लगी है. घर में हूँ, पटना में… और...

किस्सा एक बेचैन रात, खुशनुमा सुबह और एक दोस्त के साथ का…

उस रात ठीक से नींद नहीं आ रही थी. जाने क्या बात थी. पूरी शाम और फिर रात भर मन में बहुत कुछ चलते...

दिन खाली खाली बर्तन है, और रात है जैसे अँधा कुआँ

शहर में अकेला घूमना बहुत भयंकर, बहुत कष्टदायक होता है। हमेशा एक खटका सा बना रहता है। एक अजीब किस्म का डर। शुरू शुरू...

कुछ पल के लिए ही सही, एक कीड़े ने पुराना समय याद दिलाया।

कल की सुबह बेहद आम थी. मैं घर से काम पर निकला. सुबह दस बजे की मेट्रो लेता हूँ मैं. मेरे मेट्रो रूट पर...

इवनिंग डायरी – ब्लॉगर नास्टैल्जीआ

आज से नौ साल पहले जब मैंने हिन्दी में ब्लॉग लेखन की शुरुआत की थी तब ये सोचना भी नामुमकिन था कि इस ब्लॉगिंग...

कुछ पुरानी यादें, कुछ दोस्तों से मुलाकात

विश्व पुस्तक मेले में शनिवार का मेरा दिन कुछ अलग तरह से शुरू हुआ. आम तौर पर मेट्रो से आता था मैं, लेकिन शनिवार...

Latest news

किस बरहमन ने कहा था कि ये साल अच्छा है?

इस साल का आखिरी दिन है ये, और इस साल का मेरा ये पहला और आखिरी ब्लॉग पोस्ट। इस...

वो जो रखते थे हम इक हसरत-ए-तामीर सो है

आज महीनों बाद ब्लॉग पर वापस आना हुआ है। आखिरी पोस्ट इस ब्लॉग पर मार्च की थी, और तब...

भाभी – इस्मत चुग़ताई

  भाभी ब्याह कर आई थी तो मुश्किल से पंद्रह बरस की होगी। बढवार भी तो पूरी नहीं हुई थी।...

Must read

आज मैं पूरी तरह से सतुष्ट हूँ,पहले से कहीं अधिक – सुखदेव के नाम भगत सिंह का पत्र

सुखदेव और भगत सिंह दोनों अभिन्न साथी थे.उनकी मित्रता...

हैदराबाद की यादें – भाग एक

हैदराबाद हमेशा से मेरे लिए खास शहर रहा है।...