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Gulzar (Author and Poet)
Hindi Stories
तक़सीम – गुलज़ार
जिन्दगी कभी-कभी जख्मी चीते की तरह छलाँग लगाती दौड़ती है, और जगह जगह अपने पंजों के निशान छोड़ती जाती है। जरा इन निशानों को...
Meri Baatein
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May 17, 2021
Hindi Stories
धुआँ – गुलज़ार
बात सुलगी तो बहुत धीरे से थी, लेकिन देखते ही देखते पूरे कस्बे में “धुआँ” भर गया। चौधरी की मौत सुबह चार बजे हुई...
Meri Baatein
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May 17, 2021
Articles
हमारे एयरकंडीशनर हमसे हमारे मौसम छीन रहे हैं, और हमें इसकी खबर ही नहीं
मैं अपने स्कूल के दिनों की बातें करूँ, तो मुझे गर्मियों के दिन प्यारे लगते थे. कई वजह थे इसके. हम उन दिनों सरकारी...
Meri Baatein
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July 11, 2018
Films and Entertainment
मिर्ज्या – एक विसुअल और पोएटिक मास्टरपीस
जब से सुना था इस फिल्म के बारे में तब से ही काफी ज्यादा उत्सुकता थी. राकेश ओमप्रकाश मेहरा मेरे सबसे प्रिय डायरेक्टर में...
Meri Baatein
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October 12, 2016
Personal Blog
गली क़ासिम में आकर – ग़ालिब की गलियों में घूमते हुए
गली क़ासिम में आकर , तुम्हारी ड्योढ़ी पे रुक गया हूँ मिर्ज़ा नौशा तुम्हे आवाज़ दूँ , पहले , चली जाएँ ज़रा , परदे में उमराव ,...
Meri Baatein
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December 27, 2014
Films and Entertainment
जयमाला : गुलज़ार साहब के साथ कुछ लम्हें -१०
आज की ये ख़ास पोस्ट है, गुलज़ार साहब के जन्मदिन के मौके पर. सोचा तो था आज कुछ अपनी बात कहूँगा, कुछ गुलज़ार साहब...
Meri Baatein
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August 18, 2014
Films and Entertainment
पंचम दा के कुछ अनरिलीजड गाने – कलेक्सन
कुछ पंचम दा के अनरिलीज गाने हैं, जिन्हें आज अपने ब्लॉग पर लगा रहा हूँ. सबसे पहला गाना जो लगा रहा हूँ वो है...
Meri Baatein
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May 22, 2014
Articles
मीना कुमारी, एक अदाकारा, एक शायरा – एक एहसास
मीना जी चली गईं..कहती थीं - राह देखा करेगा सदियों तक, छोड़ जाएंगे यह जहां तन्हा ...और जाते हुए सचमुच सारे जहान को तन्हा कर गईं; एक...
Meri Baatein
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August 1, 2012
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Latest news
Hindi Stories
May 17, 2021
भाभी – इस्मत चुग़ताई
भाभी ब्याह कर आई थी तो मुश्किल से पंद्रह बरस की होगी। बढवार भी तो पूरी नहीं हुई थी।...
Hindi Stories
May 17, 2021
जडें – इस्मत चुग़ताई
सबके चेहरे उड़े हुए थे। घर में खाना तक न पका था। आज छठा दिन था। बच्चे स्कूल छोड़े,...
Hindi Stories
May 17, 2021
चौथी का जोडा – इस्मत चुग़ताई
सहदरी के चौके पर आज फिर साफ - सुथरी जाजम बिछी थी। टूटी - फूटी खपरैल की झिर्रियों में...
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Personal Blog
January 12, 2019
कंप्यूटर से दोस्ती की एक सच्ची कहानी
हम आपके हैं कौन फिल्म का एक सीन है,...
Articles
August 8, 2010
कुछ लम्हे गुलज़ार साहब के साथ – झूम के फिर उट्ठे हैं बादल
तमाम सफ़हे किताबों के फड़फडा़ने लगे हवा धकेल के दरवाजा़...