Tag:Gulzar (Author and Poet)

तक़सीम – गुलज़ार

जिन्दगी कभी-कभी जख्मी चीते की तरह छलाँग लगाती दौड़ती है, और जगह जगह अपने पंजों के निशान छोड़ती जाती है। जरा इन निशानों को...

धुआँ – गुलज़ार

बात सुलगी तो बहुत धीरे से थी, लेकिन देखते ही देखते पूरे कस्बे में “धुआँ” भर गया। चौधरी की मौत सुबह चार बजे हुई...

हमारे एयरकंडीशनर हमसे हमारे मौसम छीन रहे हैं, और हमें इसकी खबर ही नहीं

मैं अपने स्कूल के दिनों की बातें करूँ, तो मुझे गर्मियों के दिन प्यारे लगते थे. कई वजह थे इसके. हम उन दिनों सरकारी...

मिर्ज्या – एक विसुअल और पोएटिक मास्टरपीस

जब से सुना था इस फिल्म के बारे में तब से ही काफी ज्यादा  उत्सुकता थी. राकेश ओमप्रकाश मेहरा मेरे सबसे प्रिय डायरेक्टर में...

जयमाला : गुलज़ार साहब के साथ कुछ लम्हें -१०

आज की ये ख़ास पोस्ट है, गुलज़ार साहब के जन्मदिन के मौके पर. सोचा तो था आज कुछ अपनी बात कहूँगा, कुछ गुलज़ार साहब...

पंचम दा के कुछ अनरिलीजड गाने – कलेक्सन

कुछ पंचम दा के अनरिलीज गाने हैं, जिन्हें आज अपने ब्लॉग पर लगा रहा हूँ. सबसे पहला गाना जो लगा रहा हूँ वो है...

मीना कुमारी, एक अदाकारा, एक शायरा – एक एहसास

मीना जी चली गईं..कहती थीं -  राह देखा करेगा सदियों तक,छोड़ जाएंगे यह जहां तन्हा …और जाते हुए सचमुच सारे जहान को तन्हा कर गईं; एक...

गली कासिम जां और मिर्ज़ा साहब से एक मुलाकत

पूछते हैं वो के ग़ालिब कौन है?कोई बतलाओ के हम बतलाएं क्या?..बल्ली मारां की वो पेचीदा दलीलों की-सी गलियाँएक क़ुरआने सुख़न का सफ़्हा खुलता...

Latest news

किस बरहमन ने कहा था कि ये साल अच्छा है?

इस साल का आखिरी दिन है ये, और इस साल का मेरा ये पहला और आखिरी ब्लॉग पोस्ट। इस...

वो जो रखते थे हम इक हसरत-ए-तामीर सो है

आज महीनों बाद ब्लॉग पर वापस आना हुआ है। आखिरी पोस्ट इस ब्लॉग पर मार्च की थी, और तब...

भाभी – इस्मत चुग़ताई

  भाभी ब्याह कर आई थी तो मुश्किल से पंद्रह बरस की होगी। बढवार भी तो पूरी नहीं हुई थी।...

Must read

बहन की बातें, एक बार फिर…हैप्पी बर्थडे टू माई सिस्टर

बहनों का संसार भी कितना प्यारा होता है, हम...

गली कासिम जां और मिर्ज़ा साहब से एक मुलाकत

पूछते हैं वो के ग़ालिब कौन है?कोई बतलाओ के...