Tag:Gulzar Sahab

वो गर्मियों के दिन..मेरा बचपन और गुलज़ार – भाग 2

पहले के गर्मी के दिनों की बात ही कुछ और होती थी. हमारे लिए खूबसूरत मौसम होता था गर्मियों का. गर्मी परेशान तो करती...

वो गर्मियों के दिन..मेरा बचपन और गुलज़ार

दिल्ली में हूँ और गर्मियां शुरू हो गयी हैं...कई सालों बाद मैं उत्तर भारत की गर्मी को अनुभव कर रहा हूँ..पिछले आठ-नौ सालों से...

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किस बरहमन ने कहा था कि ये साल अच्छा है?

इस साल का आखिरी दिन है ये, और इस साल का मेरा ये पहला और आखिरी ब्लॉग पोस्ट। इस...

वो जो रखते थे हम इक हसरत-ए-तामीर सो है

आज महीनों बाद ब्लॉग पर वापस आना हुआ है। आखिरी पोस्ट इस ब्लॉग पर मार्च की थी, और तब...

भाभी – इस्मत चुग़ताई

  भाभी ब्याह कर आई थी तो मुश्किल से पंद्रह बरस की होगी। बढवार भी तो पूरी नहीं हुई थी।...

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जडें – इस्मत चुग़ताई

  सबके चेहरे उड़े हुए थे। घर में खाना तक...

अनसुलझा सा कुछ

दिन के बारह बज चुके हैं और आसमान जैसे...