Tag:Gulzar (Author and Poet)

गली कासिम जां और मिर्ज़ा साहब से एक मुलाकत

पूछते हैं वो के ग़ालिब कौन है? कोई बतलाओ के हम बतलाएं क्या? .. बल्ली मारां की वो पेचीदा दलीलों की-सी गलियाँ एक क़ुरआने सुख़न का सफ़्हा खुलता...

गाने के बनने की कहानी, गुलज़ार साहब की ज़ुबानी – दूसरा भाग

अचानक से आज बैंगलोर की एक खूबसूरत शाम याद आ गयी.अपने बेहद करीबी दोस्त के साथ गरुड़ा मॉल के सी.सी.डी में बैठा हुआ था.बड़ी...

आईये, ग़ालिब और गुलज़ार साहब के साथ कुछ लम्हे बिताया जाये

हैं और भी दुनिया में सुखनवर बहुत अच्छे,  कहते हैं कि गालिब का है अंदाज ए बयां और -गुलज़ार कभी कभी कोई रात फिल्म देखकर गुज़रती है...तो...

गुलज़ार साहब के साथ कुछ लम्हे (हैप्पी बर्थडे)

पुरे देश में अन्ना की हवा चल रही है.बैंगलोर भी इससे अछूता नहीं.यहाँ भी जगह जगह अन्ना के समर्थन में लोग घरों से बाहर...

किताबों का खोता अस्तित्व – एक आदत जो हम भूल चुके हैं

बहुत पहले की बात है, किसी अखबार या पत्रिका में पढ़ा था एक पुराने गुमनाम उर्दू शायर के बारे में(नाम नहीं याद)..किताबों से इतना...

गाने के बनने की कहानी, गुलज़ार साहब की ज़ुबानी

पिछले साल एक किताब पढ़ी थी.100 Lyrics : Gulzar.इस किताब में गुलज़ार साहब के चुने हुए १०० बेहतरीन गानों का संकलन है, और साथ...

कुछ लम्हे गुलज़ार साहब के साथ – झूम के फिर उट्ठे हैं बादल

तमाम सफ़हे किताबों के फड़फडा़ने लगे हवा धकेल के दरवाजा़ आ गई घर में! कभी हवा की तरह तुम भी आया जाया करो! सुबह सुबह जब उठा...

गुलज़ारिश टच – आइये कुछ लम्हे गुलज़ार साहब के साथ बिताएं

क्या पता कब कहाँ मारेगी बस कि मैं ज़िंदगी से डरता हूँ मौत का क्या है, एक बार मारेगी गुलज़ार की कुछ ग़ज़लें कुछ नगमें,उनकी कायनाती आवाज़...

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भाभी – इस्मत चुग़ताई

  भाभी ब्याह कर आई थी तो मुश्किल से पंद्रह बरस की होगी। बढवार भी तो पूरी नहीं हुई थी।...

जडें – इस्मत चुग़ताई

  सबके चेहरे उड़े हुए थे। घर में खाना तक न पका था। आज छठा दिन था। बच्चे स्कूल छोड़े,...

चौथी का जोडा – इस्मत चुग़ताई

  सहदरी के चौके पर आज फिर साफ - सुथरी जाजम बिछी थी। टूटी - फूटी खपरैल की झिर्रियों में...

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अनुरागी मन – अनुराग शर्मा की कहानियों की बातें

साउथ एक्सटेंसन के एक कैफे में बैठा हुआ हूँ....

सफ़ाई पसन्दी – सआदत हसन मंटो

गाड़ी रुकी हुई थी। तीन बन्दूकची रेल के एक डिब्बे...