Tag:Kuch Purani Yaadon Ke Nashe Meiin

एक साइकिल का दिख जाना और जाने क्या क्या फ़साना माज़ी का याद आना

मार्च का महीना है, गर्मी अभी पूरे रंग में आई नहीं है। थोड़ा वसंत का ही माहौल चल रहा है पटना में। ऐसे में...

लॉकडाउन डायरीज 2- दराज से निकली यादों की पोटली

इस दो महीने के लॉकडाउन का एक छोटा सा फायदा यह भी हुआ कि घर के कुछ ऐसे गैरजरूरी काम जो बस टलते आ...

लॉकडाउन डायरीज 1 – ब्लेस्सिंग इन डिस्गाइज़

कल से जहाँ देश में लॉकडाउन  खुल गया है, तब से मन में लगातार कुलबुली उठ रही थी कि ब्लॉग के लॉकडाउन का भी...

कंप्यूटर से दोस्ती की एक सच्ची कहानी

हम आपके हैं कौन फिल्म का एक सीन है, जब निशा(माधुरी दीक्षित) पहली बार अपनी बहन के ससुराल आती है तो रीटा(सहिला चड्डा) उससे...

रिवाइंड – एक ऐड्वर्टाइज़्मन्ट जिसनें दिलों पर तबाही मचा रखी है

कुछ समय पहले टीवी में न्यूज़ चैनल में इलेक्शन को लेकर लोग अटके पड़े थे, तो कुछ लोग गैर जरूरी बहस में और इन...

कैसे भूलोगे मेरा नाम – यूफोरिया, एक ऐसा बैंड जो कभी धुम मचाता था

पिछले दो दिनों से दिल्ली का मौसम खूब सुहाना हो गया है. बारिश हो रही है और सुबह और शाम ठंडी हवाएं चल रही...

किस्सा जूतों का

नोट्स फ्रॉम डायरी  २९ नवम्बर २०१७  आज बड़े दिन बाद नए जूते लिए.. जूतों के मामले में मैं बाकी लोगों से थोडा आलसी किस्म का हूँ....

वो गर्मियों के दिन..मेरा बचपन और गुलज़ार – भाग 2

पहले के गर्मी के दिनों की बात ही कुछ और होती थी. हमारे लिए खूबसूरत मौसम होता था गर्मियों का. गर्मी परेशान तो करती...

Latest news

किस बरहमन ने कहा था कि ये साल अच्छा है?

इस साल का आखिरी दिन है ये, और इस साल का मेरा ये पहला और आखिरी ब्लॉग पोस्ट। इस...

वो जो रखते थे हम इक हसरत-ए-तामीर सो है

आज महीनों बाद ब्लॉग पर वापस आना हुआ है। आखिरी पोस्ट इस ब्लॉग पर मार्च की थी, और तब...

भाभी – इस्मत चुग़ताई

  भाभी ब्याह कर आई थी तो मुश्किल से पंद्रह बरस की होगी। बढवार भी तो पूरी नहीं हुई थी।...

Must read

ज़िन्दगी और गुलाब – प्रेम गुप्ता मानी की कवितायें

मुझे भले अच्छी कवितायें लिखनी नहीं आती और नाही...

दृष्टिकोण – गोपालदास नीरज

मेरे कुछ मित्रों का आग्रह है कि मैं अपनी...