Tag:Lockdown Diaries

जन्मदिन इन द टाइम्स ऑफ़ लॉकडाउन

जन्मदिन हो या एनिवर्सरी या फिर कोई त्यौहार पर्व… इस साल कुछ भी अच्छे तरीके से सेलिब्रेट नहीं हो पाया. सब लोगों ने घर...

डोसा खाने का भी एक अलग अनुभव – न्यू नार्मल के तहत

वैसे तो मार्च के बाद बाहर निकलना लोगों का बंद ही हो गया है. सब की तरह हम भी घर में बंद थे. अभी...

कोरोना के काल में दिल्ली के सड़कों पर एक दिन

वैसे तो कोरोना हर तरफ कहर बरपा रहा है और हर कोई दहशत में है. हम भी दिल्ली आये हुए हैं और एक दिन...

कोरोना काल में फ्लाइट से जाना मतलब जंग पर निकलना

किसे पता था ये दिन भी देखना पड़ेगा.. आज दिल्ली के लिए वापसी हो रही थी और ऐसा लग रहा था जैसे फ्लाइट पर...

लोकडाउन तीज और मेहँदी

मेहँदी, शायद हर उम्र की महिलाओं का पसंदीदा शगल है. बच्चियां से लेकर उम्रदराज महिलाओं को मेहँदी आकर्षित करती है. सच कहा जाए तो...

लॉकडाउन और ताश

इस लॉकडाउन जो एक चीज़ पुराना मिला वो था घर में पड़ा एक ताश के पत्तों का बण्डल, जो एक दिन यकायक मिल गया...

पुराना सचिवालय और झील

बस ऐसे ही जाना हो गया था उधर. कोई उद्देश्य नहीं था. सुबह  ऑफिस जाते वक़्त माँ ने कहा था कि आज लौटते वक़्त...

लॉकडाउन डायरीज 2- दराज से निकली यादों की पोटली

इस दो महीने के लॉकडाउन का एक छोटा सा फायदा यह भी हुआ कि घर के कुछ ऐसे गैरजरूरी काम जो बस टलते आ...

Latest news

किस बरहमन ने कहा था कि ये साल अच्छा है?

इस साल का आखिरी दिन है ये, और इस साल का मेरा ये पहला और आखिरी ब्लॉग पोस्ट। इस...

वो जो रखते थे हम इक हसरत-ए-तामीर सो है

आज महीनों बाद ब्लॉग पर वापस आना हुआ है। आखिरी पोस्ट इस ब्लॉग पर मार्च की थी, और तब...

भाभी – इस्मत चुग़ताई

  भाभी ब्याह कर आई थी तो मुश्किल से पंद्रह बरस की होगी। बढवार भी तो पूरी नहीं हुई थी।...

Must read

सिकंदर की शपथ – जयशंकर प्रसाद

  सूर्य की चमकीली किरणों के साथ, यूनानियों के बरछे...

कुछ पुरानी यादों के नशे में – जाड़े का मौसम

तुम पास आये, यूँ मुस्कुराए..तुमने न जाने क्या सपने...