Tag:Phanishwar Nath Renu (Author)

मारे गये गुलफाम – फणीश्वरनाथ रेणु

हिरामन गाड़ीवान की पीठ में गुदगुदी लगती है... पिछले बीस साल से गाड़ी हाँकता है हिरामन। बैलगाड़ी। सीमा के उस पार, मोरंग राज नेपाल से...

रसप्रिया – फणीश्वरनाथ रेणु

धूल में पड़े कीमती पत्थर को देखकर जौहरी की आँखों में एक नई झलक झिलमिला गई - अपरूप-रूप! चरवाहा मोहना छौंड़ा को देखते ही पँचकौड़ी...

एक आदिम रात्रि की महक – फणीश्वरनाथ रेणु

न ...करमा को नींद नहीं आएगी। नए पक्के मकान में उसे कभी नींद नहीं आती। चूना और वार्निश की गंध के मारे उसकी कनपटी...

1975 के पटना बाढ़ पर लिखी फणीश्वरनाथ रेणु की दिलचस्प रिपोर्टिंग

इन दिनों दिल्ली में बारिश खूब हो रही है, जम कर बादल बरस रहे हैं. ऐसे में अपने शहर पटना की याद आना लाजमी...

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किस बरहमन ने कहा था कि ये साल अच्छा है?

इस साल का आखिरी दिन है ये, और इस साल का मेरा ये पहला और आखिरी ब्लॉग पोस्ट। इस...

वो जो रखते थे हम इक हसरत-ए-तामीर सो है

आज महीनों बाद ब्लॉग पर वापस आना हुआ है। आखिरी पोस्ट इस ब्लॉग पर मार्च की थी, और तब...

भाभी – इस्मत चुग़ताई

  भाभी ब्याह कर आई थी तो मुश्किल से पंद्रह बरस की होगी। बढवार भी तो पूरी नहीं हुई थी।...

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मंदिर और मस्जिद – प्रेमचंद

चौ धरी इतरतअली ‘कड़े’ के बड़े जागीरदार थे। उनके...

इंजीनियरिंग के वो दिन – कुछ किस्से

आज (15 सितंबर) इंजीनियर्स डे है, भारत रत्न एम्....