पर्व त्यौहार तो इस साल क्या मानेंगे, कितनों के घरों से ख़राब ख़बरें मिल रही हैं. इस साल मेरा घर भी इस बुरे ख़बरों के साया से बच न सका और एक महीने के ही अन्दर परिवार में दो लोगों के सदा के लिए चले जाने की खबर ने सबको मायूस कर दिया.
सोचा तो था कि इस साल पर्व त्यौहार अच्छे से मनाया जाएगा लेकिन ऐसा हो जाएगा यह किसी ने नहीं सोचा था. बहुत से मायूसी और दुःख के बीच इस साल का त्योहारों का समय बीता. बस रस्म हो जाने भर ही पर्व की रौनक रही इस साल.
बड़ा ही अजीब साल है ये. न जाने कितनों घरों पर इस साल ने और इस कोरोना ने कहर बरपाया है. लोग अब धीरे धीरे सामान्य ज़िन्दगी की तरफ बढ़ रहे हैं.
त्योहारों में देखा कि बाज़ार वगैरह अब नार्मल होते जा रहा है. बहुत से लोगों ने दिवाली और छठ को बड़े ग्रैंड तरीके से मनाया.. और क्यों नहीं? मनाना भी चाहिए. अगर आप इस वबा से बचकर निकले हुए हैं और लॉकडाउन के कष्ट से उबरे हैं तो सेलिब्रेट करना ही चाहिए, लेकिन इस सेलिब्रेशन में सोशल प्रोटोकॉल का ध्यान रखना भी जरूरी है.
इस त्यौहार के मौसम में वैसे तो हमारे यहाँ बस खाना पूर्ति ही हुई लेकिन फिर भी कुछ तस्वीरें इस त्यौहार की यादगार निकल आई हैं. उन्ही में से एक तस्वीर है ये –