Tag:Bhisham Sahni (Author)

अमृतसर आ गया है – भीष्म साहनी

  गाड़ी के डिब्बे में बहुत मुसाफिर नहीं थे। मेरे सामनेवाली सीट पर बैठे सरदार जी देर से मुझे लाम के किस्से सुनाते रहे थे।...

मरने से पहले – भीष्म साहनी

  मरने से एक दिन पहले तक उसे अपनी मौत का कोई पूर्वाभास नहीं था। हाँ, थोड़ी खीझ और थकान थी, पर फिर भी वह...

मेरी कथायात्रा के निष्कर्ष – भीष्म साहनी

अपनी लम्बी-कथा यात्रा का लेखा-जोखा करना आसान काम नहीं है। पर यदि इस सर्वेक्षण में से कुछेक प्रश्न निकाल दें—कि मैं लिखने की ओर...

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किस बरहमन ने कहा था कि ये साल अच्छा है?

इस साल का आखिरी दिन है ये, और इस साल का मेरा ये पहला और आखिरी ब्लॉग पोस्ट। इस...

वो जो रखते थे हम इक हसरत-ए-तामीर सो है

आज महीनों बाद ब्लॉग पर वापस आना हुआ है। आखिरी पोस्ट इस ब्लॉग पर मार्च की थी, और तब...

भाभी – इस्मत चुग़ताई

  भाभी ब्याह कर आई थी तो मुश्किल से पंद्रह बरस की होगी। बढवार भी तो पूरी नहीं हुई थी।...

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कुछ पुरानी यादों के नशे में – जाड़े का मौसम

तुम पास आये, यूँ मुस्कुराए..तुमने न जाने क्या सपने...

चोरी का अर्थ – विष्णु प्रभाकर

एक लम्बे रास्ते पर सड़क के किनारे उसकी दुकान...