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Books Review
मन एक रहस्मय लोक है – मुक्तिबोध के ‘सतह से उठता आदमी’ से कुछ अंश
मुझे लगता है की मन एक रहस्मय लोक है, उसमे अँधेरा है, अँधेरे में सीढियां हैं..सीढियां गीली हैं.सबसे नीचली सीढ़ी पानी में डूबी हुई...
Meri Baatein
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September 26, 2012
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