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Harishankar Parsai (Author)
Hindi Stories
भोला राम का जीव – हरिशंकर परसाई
भोला राम का जीव - हरिशंकर परसाई: सरकारी दफ्तरों और दरख़्वास्तों में अटकी गरीबी और सामाज के एक चेहरे को दिखाती इक जोरदार...
Meri Baatein
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May 12, 2021
Hindi Stories
रसोई घर और पाखाना – हरिशंकर परसाई
रसोई घर और पखाना - हरिशंकर परसाई का एक तगड़ा कटाक्ष - समाज के झूठे प्रतिष्ठा, ऊँच नीच और भेद भाव को दिखाती...
Meri Baatein
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May 12, 2021
Hindi Stories
अपना-पराया – हरिशंकर परसाई
अपना पराया एक लघु व्यंग है जो हमारी शिक्षा व्यवस्था पर कटाक्ष करता है. बेहद कम शब्दों में कैसे कटु सत्य उजागर किया...
Meri Baatein
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May 12, 2021
Latest news
Hindi Stories
May 17, 2021
भाभी – इस्मत चुग़ताई
भाभी ब्याह कर आई थी तो मुश्किल से पंद्रह बरस की होगी। बढवार भी तो पूरी नहीं हुई थी।...
Hindi Stories
May 17, 2021
जडें – इस्मत चुग़ताई
सबके चेहरे उड़े हुए थे। घर में खाना तक न पका था। आज छठा दिन था। बच्चे स्कूल छोड़े,...
Hindi Stories
May 17, 2021
चौथी का जोडा – इस्मत चुग़ताई
सहदरी के चौके पर आज फिर साफ - सुथरी जाजम बिछी थी। टूटी - फूटी खपरैल की झिर्रियों में...
Must read
Books Review
November 28, 2010
नाम वहीँ लिखे जाते हैं, जहाँ आदमी टिककर रहे – निर्मल वर्मा की किताबों से कुछ अंश
(फिर से डायरी से निकला एक पन्ना, इस बार...
Books Review
December 15, 2011
मनुष्य जरूरत पड़ने पर अपने को किसी भी जीवन ढाँचे में ढाल सकता है – निर्मल वर्मा के पत्र
(इन खतों को जिस दिन मैंने पढ़ा था, उसके...