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Diary
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इस भाग दौड़ की ज़िन्दगी में याद आता है – एक वो भी था ज़माना, एक ये भी है ज़माना..
बारिश हो रही हो, मौसम सुहाना हो गया हो और ऐसे में अगर कुछ पुराना याद आ जाए तो जाने क्या हो जाता है...
Meri Baatein
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July 7, 2019
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भगत सिंह ने घर वालों को जो ख़त लिखे – भगत सिंह के पत्र
भगत सिंह की कलम से लिखा गया पहला खत अपने दादा के नाम था जो उन्होंने तब लिखा था जब वे छठी कक्षा में...
Meri Baatein
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March 23, 2017
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हमें फाँसी देने के बजाय गोली से उड़ाया जाए – भगत सिंह के पत्र
भगत सिंह और उनके दोनों साथियो को फांसी लगने ही वाली है. यह सबकी राय थी. उसे किसी तरह कुछ दिन के लिए रोकना...
Meri Baatein
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March 23, 2017
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शीशे पर जमी धूल और बदलता चेहरा – बिहार, झूठ और सच
दो दिन पहले की एक घटना के बाद बिहार के बारे में काफी कुछ पढ़ने के बाद खुद भी कुछ लिखने की इच्छा हुई....
Meri Baatein
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March 31, 2016
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घड़ी तो नहीं रही, पर वो समय भी नहीं रहा लेकिन हम तो वही हैं..
इतवार की सुबह है, पता नहीं कहाँ से अचानक पुरानी बातें याद आ रही हैं. सुबह की शुरुआत रफ़ी साहब के उसी गाने से...
Meri Baatein
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December 27, 2015
Films and Entertainment
इवनिंग डायरी : किस्से-कहानियाँ और एक फिल्म की कुछ बातें
आज एक फिल्म देखी..तमाशा. फिल्म तो बेहतरीन है...इस साल की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक. तमाशा एक ऐसे इंसान की कहानी है जो...
Meri Baatein
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December 20, 2015
Articles
गांधी संग्रहालय पटना में एक दिन – एक रिपोर्ट
बड़े दिनों से दिल कर रहा था लेकिन कभी मौका नहीं मिल पा रहा था, इस बार फिर से अपने उसी दोस्त के साथ...
Meri Baatein
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August 23, 2015
Personal Blog
पन्द्रह अगस्त और कुछ यादें, बातें मेरी – नास्टैल्जिया
पंद्रह अगस्त...जाने क्या क्या यादें जुड़ी हैं इस एक दिन से. ये दिन सच में ख़ास होता है, मन का मौसम चाहे कैसा भी...
Meri Baatein
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August 15, 2015
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Latest news
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May 17, 2021
भाभी – इस्मत चुग़ताई
भाभी ब्याह कर आई थी तो मुश्किल से पंद्रह बरस की होगी। बढवार भी तो पूरी नहीं हुई थी।...
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May 17, 2021
जडें – इस्मत चुग़ताई
सबके चेहरे उड़े हुए थे। घर में खाना तक न पका था। आज छठा दिन था। बच्चे स्कूल छोड़े,...
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May 17, 2021
चौथी का जोडा – इस्मत चुग़ताई
सहदरी के चौके पर आज फिर साफ - सुथरी जाजम बिछी थी। टूटी - फूटी खपरैल की झिर्रियों में...
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May 17, 2021
दो आस्थाएँ – अमृतलाल नागर
अरी कहाँ हो? इंदर की बहुरिया! - कहते हुए...
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March 31, 2016
शीशे पर जमी धूल और बदलता चेहरा – बिहार, झूठ और सच
दो दिन पहले की एक घटना के बाद बिहार...