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वो कमरा याद आता है.. – मेरा पुराना कमरा और एक कविता

जावेद साहब की एक कविता है "वो कमरा याद आता है".उस कविता को जब कभी पढ़ता हूँ, एक टीस सी उठती है मन में.दो...

हर शहर का अपना अलग इतवार होता है- निर्मल वर्मा के ‘वे दिन’ के कुछ अंश

शायद हर शहर का अपना अलग इतवार होता है..अपनी अलग आवाजें, और नीरवता.तुम आँखें मूंदकर भी जान लेते हो.ये ट्राम के पहिये हैं...यह उबलती...

जाने वो कौन सा देश जहाँ तुम चले गये – जगजीत की याद में

कुछ पुरानी यादें - जगजीत सिंह और मैं.. सुबह कुछ काम से मैं बाहर निकला था.दो तीन घंटे में काम खत्म कर वापस आया.जैसे ही...

चेहरे – सामाज और लोगों पर लिखी एक कविता

इतने चेहरे नज़र आते हैं सड़कों पे, किसी के चेहरे पे है खुशी तो किसी के चेहरे पे निराशा हँसते हुए चेहरे को देख, अक्सर हम समझते हैं...

मैं हूँ आज की नारी – नारी शक्ति पर लिखी एक कविता

मैं हूँ आज की नारी.. मैं ही दुर्गा हूँ, मैं ही सरस्वती... मैं कृष्ण की राधा भी हूँ.. और सीता भी.. फिर आज क्यों, अक्सर लज्जित भी होना पड़ता है...

मेरे बारे में कुछ जाने…आखिर हूँ कौन मैं 😉

  This is a short Introduction of Me  अभी 27-June-2010 को ये मेरा परिचय अपडेट हुआ..ये मेरा परिचय ब्लॉग पे पोस्ट हुआ था 28-May-2007 को सबसे पहले...

Latest news

भाभी – इस्मत चुग़ताई

  भाभी ब्याह कर आई थी तो मुश्किल से पंद्रह बरस की होगी। बढवार भी तो पूरी नहीं हुई थी।...

जडें – इस्मत चुग़ताई

  सबके चेहरे उड़े हुए थे। घर में खाना तक न पका था। आज छठा दिन था। बच्चे स्कूल छोड़े,...

चौथी का जोडा – इस्मत चुग़ताई

  सहदरी के चौके पर आज फिर साफ - सुथरी जाजम बिछी थी। टूटी - फूटी खपरैल की झिर्रियों में...

Must read

रास्ता इधर से है – रघुवीर सहाय

  वह एक वाहियात दिन था। सब कुछ शांत था...

मरने से पहले – भीष्म साहनी

  मरने से एक दिन पहले तक उसे अपनी मौत...