Tag:Nirmal Verma (Author)

निर्मल की बातें – निर्मल वर्मा की किताबों से लिए कुछ बातें

मैंने निर्मल वर्मा को पढ़ना बहुत बाद में शुरू किया. शायद सबसे बाद. 2008 का ही वो साल था जब मैंने पहली बार उनकी...

हर शहर का अपना अलग इतवार होता है- निर्मल वर्मा के ‘वे दिन’ के कुछ अंश

शायद हर शहर का अपना अलग इतवार होता है..अपनी अलग आवाजें, और नीरवता.तुम आँखें मूंदकर भी जान लेते हो.ये ट्राम के पहिये हैं...यह उबलती...

मनुष्य जरूरत पड़ने पर अपने को किसी भी जीवन ढाँचे में ढाल सकता है – निर्मल वर्मा के पत्र

(इन खतों को जिस दिन मैंने पढ़ा था, उसके बाद इसमें से कुछ न कुछ ड्राफ्ट में सेव करता गया.पोस्ट काफी बड़ी और क्लटरड...

लिखना जैसे मेरे जीने का सहारा है – निर्मल वर्मा के संकलित पत्र

पिछले महीने पटना में एक किताब खरीदी थी - 'प्रिय राम'.इस किताब में निर्मल वर्मा के द्वारा अपने बड़े भाई चित्रकार रामकुमार को लिखे...

नाम वहीँ लिखे जाते हैं, जहाँ आदमी टिककर रहे – निर्मल वर्मा की किताबों से कुछ अंश

(फिर से डायरी से निकला एक पन्ना, इस बार निर्मल वर्मा के किताबों से कुछ जो मैंने कभी नोट कर के रख लिया था..अलग...

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भाभी – इस्मत चुग़ताई

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जडें – इस्मत चुग़ताई

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चौथी का जोडा – इस्मत चुग़ताई

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