Tag:Gulzar (Author and Poet)

वो गर्मियों के दिन..मेरा बचपन और गुलज़ार

दिल्ली में हूँ और गर्मियां शुरू हो गयी हैं...कई सालों बाद मैं उत्तर भारत की गर्मी को अनुभव कर रहा हूँ..पिछले आठ-नौ सालों से...

गाने के बनने की कहानी, गुलज़ार साहब की ज़ुबानी – दूसरा भाग

अचानक से आज बैंगलोर की एक खूबसूरत शाम याद आ गई। अपने बेहद करीबी दोस्त के साथ गरुड़ा मॉल के सी.सी.डी में बैठा हुआ...

आईये, ग़ालिब और गुलज़ार साहब के साथ कुछ लम्हे बिताया जाये

हैं और भी दुनिया में सुखनवर बहुत अच्छे,  कहते हैं कि गालिब का है अंदाज ए बयां और -गुलज़ार कभी कभी कोई रात फिल्म देखकर गुज़रती है...तो...

गुलज़ार साहब के साथ कुछ लम्हे (हैप्पी बर्थडे)

पुरे देश में अन्ना की हवा चल रही है.बैंगलोर भी इससे अछूता नहीं.यहाँ भी जगह जगह अन्ना के समर्थन में लोग घरों से बाहर...

किताबों का खोता अस्तित्व – एक आदत जो हम भूल चुके हैं

बहुत पहले की बात है, किसी अखबार या पत्रिका में पढ़ा था एक पुराने गुमनाम उर्दू शायर के बारे में(नाम नहीं याद)..किताबों से इतना...

गाने के बनने की कहानी, गुलज़ार साहब की ज़ुबानी

पिछले साल एक किताब पढ़ी थी.100 Lyrics : Gulzar.इस किताब में गुलज़ार साहब के चुने हुए १०० बेहतरीन गानों का संकलन है, और साथ...

कुछ लम्हे गुलज़ार साहब के साथ – झूम के फिर उट्ठे हैं बादल

तमाम सफ़हे किताबों के फड़फडा़ने लगे हवा धकेल के दरवाजा़ आ गई घर में! कभी हवा की तरह तुम भी आया जाया करो! सुबह सुबह जब उठा...

गुलज़ारिश टच – आइये कुछ लम्हे गुलज़ार साहब के साथ बिताएं

क्या पता कब कहाँ मारेगी बस कि मैं ज़िंदगी से डरता हूँ मौत का क्या है, एक बार मारेगी गुलज़ार की कुछ ग़ज़लें कुछ नगमें,उनकी कायनाती आवाज़...

Latest news

किस बरहमन ने कहा था कि ये साल अच्छा है?

इस साल का आखिरी दिन है ये, और इस साल का मेरा ये पहला और आखिरी ब्लॉग पोस्ट। इस...

वो जो रखते थे हम इक हसरत-ए-तामीर सो है

आज महीनों बाद ब्लॉग पर वापस आना हुआ है। आखिरी पोस्ट इस ब्लॉग पर मार्च की थी, और तब...

भाभी – इस्मत चुग़ताई

  भाभी ब्याह कर आई थी तो मुश्किल से पंद्रह बरस की होगी। बढवार भी तो पूरी नहीं हुई थी।...

Must read

किस्सा जूतों का

नोट्स फ्रॉम डायरी  २९ नवम्बर २०१७  आज बड़े दिन बाद नए...

वो आखिरी दिन और युसूफ चाय दुकान

इंजीनियरिंग के एक्जाम का आखिरी दिन था। हम लोगों...